MP Board Exam: 10वीं-12वीं के इन छात्रों की फीस अब सरकार भरेगी! ढाई लाख छात्र-छात्राओं को होगा फायदा
MP Board Exam मध्य प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। राज्य सरकार ने फैसला किया है कि अब इन छात्रों की परीक्षा फीस का बोझ सरकार उठाएगी। इससे न सिर्फ ढाई लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को सीधा फायदा होगा, बल्कि उनकी शिक्षा के रास्ते में आने वाली आर्थिक बाधाएं भी कम होंगी। आइए, विस्तार से जानते हैं कि यह योजना क्या है, और कैसे इसका लाभ मिलेगा।
योजना का उद्देश्य और लाभ
मध्य प्रदेश सरकार ने घोषणा की है कि संबल योजना के अंतर्गत आने वाले कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों की परीक्षा फीस अब राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। यह निर्णय उन छात्रों को मदद करने के लिए लिया गया है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और जिनके परिवार संगठित श्रमिक वर्ग में आते हैं। सरकार की इस पहल से लगभग 2.5 लाख छात्र-छात्राओं को सीधा फायदा होगा।
योजना के तहत कितनी फीस भरी जाएगी?
कक्षा | प्रति छात्र फीस (रुपये) | लाभार्थी छात्र |
10वीं | 1200 | 1,25,000 |
12वीं | 1200 | 1,25,000 |
हर साल इस योजना के तहत, लगभग 18 लाख छात्र MP बोर्ड की परीक्षाओं में शामिल होते हैं, जिनमें से ढाई लाख से अधिक विद्यार्थी संबल योजना के पात्र होते हैं। ऐसे छात्रों को हर साल सरकार द्वारा दी जा रही फीस छूट से उनके परिवारों पर आर्थिक दबाव कम होगा।
26 करोड़ रुपये का होगा खर्च
सरकार के इस फैसले के तहत, लगभग 26 करोड़ रुपये की राशि छात्रों की परीक्षा फीस के रूप में वहन की जाएगी। यह राशि शासन द्वारा एमपी बोर्ड को दी जाएगी, ताकि बोर्ड इन छात्रों के परीक्षा शुल्क का भुगतान कर सके। जानकारी के अनुसार, पिछले छह वर्षों में यह राशि 150 करोड़ रुपये से भी अधिक हो चुकी है, जिसका भुगतान अब राज्य सरकार करेगी।
प्रवेश नीति में किया गया संशोधन
MP बोर्ड की प्रवेश नीति में पहले संबल योजना के तहत मिलने वाली परीक्षा फीस में छूट को समाप्त कर दिया गया था, जिससे छात्र-छात्राओं में निराशा थी। लेकिन अब, मंडल ने 2024-25 की प्रवेश नीति में संशोधन करने का निर्णय लिया है।
परीक्षा फॉर्म में संबल योजना का विकल्प
इस साल, कक्षा 10वीं और 12वीं के परीक्षा फॉर्म में भी संबल योजना के अंतर्गत छात्रों को परीक्षा फीस में छूट का विकल्प दिया गया है। इस विकल्प का चयन करने वाले छात्रों को परीक्षा फीस का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा।
फीस जमा करने की अंतिम तारीख
शुल्क प्रकार | अंतिम तिथि | विलंब शुल्क (रुपये) |
सामान्य शुल्क | 30 सितंबर | 0 |
विलंब शुल्क | 11 दिसंबर के बाद | 12000 |
छात्र सामान्य शुल्क के साथ 30 सितंबर तक फॉर्म जमा कर सकते हैं। इसके बाद, विलंब शुल्क लागू होगा, जो कि 12,000 रुपये तक जा सकता है।
क्यों हुआ था असमंजस?
मंडल अधिकारियों के अनुसार, संबल योजना के तहत मिलने वाली परीक्षा फीस छूट में त्रुटि के कारण एक असमंजस की स्थिति बन गई थी। छात्रों को यह जानकारी नहीं मिल पा रही थी कि उन्हें फीस छूट मिलेगी या नहीं। इस स्थिति को देखते हुए, बोर्ड ने राज्य सरकार को कई बार पत्र लिखे, लेकिन कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल पाया। अंततः मंडल ने खुद ही पहल करते हुए प्रवेश नीति में संशोधन का निर्णय लिया।
क्या होगा छात्रों के लिए इसका प्रभाव?
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा उन छात्रों को मिलेगा जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और जिनके पास फीस जमा करने के लिए साधन नहीं होते। इससे न सिर्फ उनकी शिक्षा को निरंतरता मिलेगी, बल्कि वे बिना किसी आर्थिक चिंता के अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।
संबल योजना के अंतर्गत आने वाले छात्र अब आत्मविश्वास से अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकेंगे, क्योंकि उन्हें अब फीस की चिंता नहीं होगी। सरकार की इस योजना से विद्यार्थियों को एक नई दिशा मिलेगी और शिक्षा का स्तर भी बढ़ेगा।
योजना का भविष्य
यह योजना राज्य सरकार के श्रमिक कल्याण प्रयासों का एक हिस्सा है। पिछले छह सालों से यह योजना चल रही है और अब इसे और व्यापक बनाने की तैयारी की जा रही है। राज्य सरकार का यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश सरकार का यह निर्णय न केवल आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए एक राहत है, बल्कि शिक्षा को एक बेहतर दिशा देने वाला कदम भी है। इस योजना के तहत, छात्र अब बिना किसी आर्थिक चिंता के अपनी शिक्षा पूरी कर सकेंगे और अपने सपनों की ओर बढ़ सकेंगे।