Digital Crop Survey | खेतों में लगी फसल का सर्वे अब पटवारी नहीं करेंगे, हर गांव के आठवीं पास युवा को मिलेगी जिम्मेदारी

Crop and Mobile

Digital Crop Survey: खरीफ 2024 से डिजिटल क्रॉप सर्वे योजना प्रारंभ हो रही है। इस योजना के तहत खेतों में लगी फसल का वास्तविक रिकॉर्ड दर्ज करने का काम अब पटवारी नहीं करेंगे, बल्कि गांव का ही कोई आठवीं पास युवा करेगा। इस कदम से कई फायदे होंगे। सबसे पहले, कोई भी किसान फर्जी फसल बताकर प्राकृतिक आपदा पर राहत राशि या फसल बीमा का लाभ नहीं ले पाएगा। साथ ही, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए भी फर्जी जानकारी देने की संभावना कम हो जाएगी।

केंद्र सरकार का उद्देश्य है कि फसल की गिरदावरी (हर खेत का फसल रिकॉर्ड) करने के लिए गांव के ही जानकार व्यक्ति को अस्थाई तौर पर सर्वेक्षणकर्ता नियुक्त किया जाए। इसे 8 से 10 रुपए प्रति सर्वे दिया जा सकता है। इससे गांवों के स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा और पटवारियों को अन्य कार्यों के लिए समय मिलेगा। पटवारी सर्वे करने वाले के कामकाज की निगरानी करेंगे।

राजस्व कार्यों की समीक्षा

राजस्व कार्यों की समीक्षा के लिए प्रमुख सचिव निकुंज श्रीवास्तव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि स्थानीय युवाओं द्वारा डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण 45 दिनों में पूरा किया जाएगा। ये युवा खेत में उपस्थित होकर आधुनिक तकनीक का उपयोग करेंगे और मोबाइल एप में पार्सल जियो फेस से फसल की फोटो अपलोड करेंगे। फसल के सत्यापन का कार्य तहसीलदार और पटवारी करेंगे।

जांच प्रक्रिया

सर्वे करने वाले द्वारा अपलोड की गई जानकारी की जांच के लिए हर साल मौसम के अनुसार 20% गांवों का चयन किया जाएगा। इस प्रकार, आगामी पांच वर्षों में शत-प्रतिशत गांवों का जांच कार्य पूरा हो जाएगा। जांचकर्ता की नियुक्ति के लिए विशेष प्रावधान भी किए जाएंगे।

पंचायत का स्थानीय निवासी होना अनिवार्य

तहसीलदार माला राय के अनुसार, डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण करने वाले युवक को ग्राम पंचायत का निवासी होना चाहिए। उसके पास एंड्रॉयड वर्जन 6 प्लस वाला स्मार्ट मोबाइल और इंटरनेट की सुविधा अनिवार्य होनी चाहिए। स्थानीय सर्वेयर की आयु 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए और उसे कम से कम आठवीं कक्षा पास होना चाहिए। सर्वेयर पंजीकरण का कार्य 10 जुलाई 2024 से शुरू होगा और किसान गिरदावरी कार्य 1 अगस्त से 15 सितंबर 2024 तक पूरा कर सकेंगे।

गिरदावरी क्या है?

गिरदावरी एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसके तहत किसानों के खेत का रकबा और उसमें होने वाली फसलों का रिकॉर्ड तैयार किया जाता है। इस रिकॉर्ड का उपयोग सरकार की योजनाओं से किसानों को जोड़ने के लिए किया जाता है। गिरदावरी में देखा जाता है कि किस खेत में कौन सी फसल लगाई गई है, रबी, खरीफ और अन्य सीजन में क्या फसल ली गई है। इस प्रकार की जानकारी को ही गिरदावरी कहा जाता है।

डिजिटल क्रॉप सर्वे योजना के लाभ

डिजिटल क्रॉप सर्वे योजना के कई लाभ हैं। सबसे पहले, यह योजना फसल के रिकॉर्ड को अधिक सटीक और पारदर्शी बनाएगी। इससे किसानों को सरकारी योजनाओं का सही और उचित लाभ मिलेगा। दूसरा, यह योजना गांवों के युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करेगी। तीसरा, पटवारियों को अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए समय मिलेगा।

इस योजना से किसानों और ग्रामीण युवाओं के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आने की उम्मीद है। डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण के माध्यम से कृषि क्षेत्र में अधिक पारदर्शिता और सटीकता लाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे किसानों को उनकी मेहनत का सही और उचित मूल्य मिलेगा और वे सरकारी योजनाओं का लाभ सही तरीके से उठा सकेंगे।

इस प्रकार, केंद्र सरकार का यह कदम कृषि क्षेत्र में सुधार लाने और किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। गांवों के स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना और फसल रिकॉर्ड को सटीक और पारदर्शी बनाना इस योजना के मुख्य उद्देश्य हैं। यह योजना कृषि क्षेत्र में एक नया और सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

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