नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव
मध्य प्रदेश में प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए अब नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इस बदलाव के तहत अभ्यर्थियों को दो बार परीक्षा देनी होगी—पहले पात्रता परीक्षा और फिर चयन परीक्षा। इसके साथ ही एक और बड़ा बदलाव यह है कि बीएड (B.Ed.) डिग्री धारक अभ्यर्थी इस परीक्षा के लिए पात्र नहीं होंगे। केवल डीएलएड (D.El.Ed.) वाले अभ्यर्थी ही इस परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। यह परिवर्तन राज्य के शिक्षा नीति में एक बड़ा कदम है और इसका उद्देश्य प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि यह परीक्षा प्रक्रिया कैसे होगी, कौन से अभ्यर्थी इसमें शामिल हो सकेंगे और क्या-क्या नियम लागू किए गए हैं।
पात्रता और चयन परीक्षा का विवरण
इस बार मप्र के सरकारी स्कूलों में ‘प्राथमिक शिक्षक (वर्ग-3)’ बनने के लिए 10 नवंबर से पात्रता परीक्षा आयोजित की जा रही है। परीक्षा दो पालियों में होगी—पहली पाली सुबह 9:00 से 11:30 तक और दूसरी पाली दोपहर 2:30 से 5:00 बजे तक होगी।
यह पात्रता परीक्षा केवल एक योग्यता परीक्षा होगी, जिसके बाद चयन परीक्षा होगी। इस चयन परीक्षा के माध्यम से ही शिक्षक के पद के लिए अंतिम चयन किया जाएगा।
परीक्षा का प्रकार | समय | तिथि |
पात्रता परीक्षा (पहली शिफ्ट) | सुबह 9:00 से 11:30 बजे तक | 10 नवंबर 2024 से शुरू |
पात्रता परीक्षा (दूसरी शिफ्ट) | दोपहर 2:30 से 5:00 बजे तक | 10 नवंबर 2024 से शुरू |
आवेदन प्रक्रिया
इस परीक्षा के लिए आवेदन की प्रक्रिया 1 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है। अभ्यर्थी 1 से 15 अक्टूबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। यदि किसी अभ्यर्थी को अपने आवेदन में कोई बदलाव करना हो, तो वह 20 अक्टूबर तक संशोधन कर सकता है। यह सुविधा मप्र कर्मचारी चयन मंडल द्वारा प्रदान की गई है।
कौन-कौन से अभ्यर्थी पात्र होंगे?
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस बार बीएड (B.Ed.) डिग्री धारक अभ्यर्थियों को इस परीक्षा में शामिल होने का मौका नहीं मिलेगा। केवल डीएलएड (D.El.Ed.) डिग्री वाले अभ्यर्थी ही इस पात्रता परीक्षा के लिए योग्य माने जाएंगे।
इससे पहले, उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती के लिए यह नियम लागू किया गया था, लेकिन अब इसे प्राथमिक शिक्षक भर्ती में भी लागू किया गया है।
अभ्यर्थी का प्रकार | पात्रता |
बीएड डिग्री धारक | अपात्र |
डीएलएड डिग्री धारक | पात्र |
आयु सीमा और परीक्षा केंद्र
इस बार प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष तय की गई है। परीक्षा के केंद्र भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर, बालाघाट, खंडवा, नीमच, रतलाम, रीवा, सागर, सीधी, सतना, और उज्जैन में बनाए जाएंगे।
पूर्व में पास हुए अभ्यर्थियों को छूट
जो अभ्यर्थी पहले से ही 2020 में प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा पास कर चुके हैं, उन्हें दोबारा यह परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होगी। मप्र कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) ने स्पष्ट किया है कि एक बार पात्रता परीक्षा पास करने पर उसकी वैधता आजीवन रहेगी।
परीक्षा पास की तिथि | पात्रता परीक्षा देने की आवश्यकता |
2020 से पहले | नहीं |
2024 या बाद में | हाँ |
पात्रता परीक्षा की वैधता
यह परीक्षा पास करने के बाद, उम्मीदवार को आजीवन पात्रता मिल जाएगी। यानी कि अगर कोई उम्मीदवार 2024 में यह परीक्षा पास कर लेता है, तो उसे फिर से पात्रता परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होगी। लेकिन इस बार के नियमों के अनुसार, उम्मीदवार को चयन परीक्षा पास करनी होगी, जो अंतिम भर्ती के लिए अनिवार्य है।
मध्य प्रदेश में प्राथमिक शिक्षक बनने की प्रक्रिया को और भी कठोर बनाया गया है, ताकि शिक्षक भर्ती में योग्य उम्मीदवारों का चयन हो सके। बीएड धारक अभ्यर्थियों को इस बार मौका नहीं मिलेगा, जबकि डीएलएड धारक अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके साथ ही परीक्षा प्रक्रिया को दो चरणों में विभाजित किया गया है—पात्रता परीक्षा और चयन परीक्षा। यह नई नीति शिक्षा की गुणवत्ता को और भी बेहतर बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।
शिक्षक भर्ती की इस प्रक्रिया में बदलाव से उम्मीदवारों को न केवल कड़ी मेहनत करनी होगी, बल्कि यह सुनिश्चित करना होगा कि वे परीक्षा के दोनों चरणों को सफलता पूर्वक पार करें।